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📖 हिंदी व्याकरण - वाक्यांश के लिए एक शब्द 01


कम से कम शब्दोँ मेँ अधिकाधिक अर्थ को प्रकट करना एक कला है जोकि एक अच्छी रचना के लिए आवश्यक है। ऐसे शब्दोँ के प्रयोग से वाक्य–रचना मेँ संक्षिप्तता, सुन्दरता व गंभीरता आती है।


सबसे आगे रहने वाला— अग्रणी


जो कभी बूढ़ा न हो— अजर


जो कहा न जा सके— अकथनीय


जो बीत गया हो— अतीत


जो जीता न जा सके— अजेय


जो दिखाई न दे— अदृश्य


जो सहनशील न हो— असहिष्णु


जो पहले जन्मा हो— अग्रज


जो बाद मेँ जन्मा हो— अनुज


जो सदा से चला आ रहा हो— सनातन


जो इंद्रियोँ की पहुँच से बाहर हो— इन्द्रियातीत/अतीन्द्रिय


जो बात हृदय मेँ अच्छी तरह बैठ गई हो— हृदयंगम


जो पहले पढ़ा हुआ न हो— अपठित


जो कम बोलता हो— अल्पभाषी/मितभाषी


जो इंद्रियोँ द्वारा जाना न जा सके— अगोचर


जो छूने योग्य न हो— अछूत


जो छुआ न गया हो— अछूता


जो विदेश मेँ रहता हो— अप्रवासी


जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो— अपवाद


जो पहले कभी नहीँ हुआ हो — अभूतपूर्व


जो धन को व्यर्थ खर्च करता हो— अपव्ययी


जो साधा न जा सके— असाध्य


जो कभी न मरे— अमर


कभी नष्ट न होने वाला — अनश्वर


जो बिना वेतन के कार्य करता हो— अवैतनिक


जिसका दमन न किया जा सके— अदम्य


जिसका मन कहीँ अन्यत्र लगा हो— अन्यमनस्क


जिसे किसी बात का पता न हो— अनभिज्ञ


जिसका पता न हो— अज्ञात


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