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💁‍♂️👉बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम📚


💫👍Best way of Learning


 

चर्चा में क्यों?


✨बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (CDP) शुरू किया है।


✨बागवानी कृषि (Horticulture) सामान्यतः फलों, सब्जियों और सजावटी पौधों से संबंधित है। 


प्रमुख बिंदु


क्लस्टर विकास कार्यक्रम (CDP) :


परिचय :

✨यह एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य पहचान किये गए बागवानी क्लस्टर को विकसित करना है ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा बनाया जा सके।

✨बागवानी क्लस्टर लक्षित बागवानी फसलों का क्षेत्रीय/भौगोलिक संकेंद्रण है।

कार्यान्वयन:

✨इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा।

✨इस प्रायोगिक (Pilot) परियोजना कार्यक्रम के लिये चुने गए कुल 53  बागवानी क्लस्टरों में से 12 बागवानी क्लस्टरों में इसे लागू किया जाएगा।

इन क्लस्टरों को क्लस्टर विकास एजेंसियों (CDA) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा जिन्हें संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकार की सिफारिशों पर नियुक्त किया जाता है।

उद्देश्य:

✨भारतीय बागवानी क्षेत्र से संबंधित सभी प्रमुख मुद्दों (उत्पादन, कटाई/हार्वेस्टिंग प्रबंधन, लॉजिस्टिक, विपणन और ब्रांडिंग सहित) का समाधान करना।

भौगोलिक विशेषज्ञता (Geographical Specialisation) का लाभ उठाकर बागवानी क्लस्टरों के एकीकृत तथा बाज़ार आधारित विकास को बढ़ावा देना।

✨सरकार की अन्य पहलों जैसे कि कृषि अवसंरचना कोष (AIF) के साथ अभिसरण करना।


अपेक्षित लाभ:


✨इस कार्यक्रम से लगभग 10 लाख किसानों को मदद मिलेगी और सभी 53 क्लस्टरों का कार्यान्वयन होने पर इसमें 10,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होने की अपेक्षा की गई है । 


भारत में बागवानी क्षेत्र:


Horticulture


 ✨भारत बागवानी फसलों का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जो दुनिया के फलों और सब्जियों के उत्पादन का लगभग 12% है।

✨भारत केला, आम, अनार, चीकू (Sapota), निम्बू, आँवला जैसे फलों का सबसे बड़ा उत्पादक है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 में फल उत्पादन में शीर्ष राज्यों में क्रमशः आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश थे।

सब्जी उत्पादन में शीर्ष राज्य क्रमशः पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश थे।

बागवानी फसलों के अंतर्गत विस्तारित क्षेत्र वित्तीय वर्ष 2018-19 में बढ़कर 25.5 मिलियन हेक्टेयर हो गया, जिसके कुल क्षेत्रफल का लगभग 20% खाद्यान्न के अंतर्गत शामिल था  तथा  इसमें 314 मिलियन टन का उत्पादन हुआ।

बागवानी क्षेत्र संबंधी हालिया कदम:

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) ने वर्ष 2021-22 के लिये 'एकीकृत बागवानी विकास मिशन' (MIDH) हेतु 2250 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।

✨MIDH फल, सब्जी, जड़ व कंद फसलों, मशरूम, मसालों, फूल, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको, बाँस आदि बागवानी क्षेत्र की फसलों के समग्र विकास हेतु एक केंद्र प्रायोजित योजना है।


आगे की राह


✨भारतीय बागवानी क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने की संभावनाएँ काफी ज़्यादा हैं, जो वर्ष 2050 तक देश के 650 मिलियन मीट्रिक टन फलों और सब्जियों की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिये ज़रूरी है।

✨इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों में खाद्यान्न उत्पादन हेतु रोपाई पर ध्यान केंद्रित करना, क्लस्टर विकास कार्यक्रम, कृषि अवसंरचना कोष (Agri Infra Fund) के माध्यम से ऋण मुहैया कराना, किसान उत्पादक संगठन (Farmers Producer Organisation) के गठन और विकास आदि शामिल हैं।


🍄स्रोत : पी.आई.बी.🍄

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