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💁‍♂️👉कीटाणुशोधन प्रणाली वज्र कवच📚

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चर्चा में क्यों?


✨वज्र कवच एक सरल कीटाणुशोधन प्रक्रिया है जो कोरोना योद्धाओं को अपने मास्क और PPE किट को पुन: उपयोग करने में सक्षम बनाती है।


✨इस प्रौद्योगिकी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) द्वारा शुरू किये गए निधि-प्रयास कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है।


Vajra-Kavach


प्रमुख बिंदु


वज्र कवच के बारे में:


✨वज्र कवच की यूवी (अल्ट्रा वायलेट) कीटाणुशोधन प्रणाली व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (Personal Protective Equipment- PPE), एन95 मास्क, कोट, दस्ताने और गाउन पर से बीमारी पैदा करने वाले सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19) वायरस के किसी भी संभावित लक्षण को हटा देती है।

यह प्रणाली स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले PPE और अन्य सामग्रियों के दोबारा उपयोग को सक्षम बनाती है। 

✨इस प्रकार यह प्रणाली न केवल स्वास्थ्यकर्मियों की बल्कि जैव चिकित्सीय अपशिष्ट के उत्पादन में कमी लाकर हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित करने में मदद करती है। यह प्रणाली व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अधिक उपलब्धता के साथ उन्हें किफायती और सुलभ भी बना रही है।


निधि-प्रयास:


✨निधि-प्रयास (National Initiative for Developing and Harnessing Innovation PRomoting and Accelerating Young and aspiring Innovators & startups- NIDHI PRAYAS) नवोन्मेष के विकास एवं दोहन के लिये राष्ट्रीय पहल है जो युवा और महत्त्वाकांक्षी नवप्रवर्तनकर्त्ताओं व स्टार्टअप्स को बढ़ावा और गति प्रदान करती है।

✨निधि कार्यक्रम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू किया गया है जिसके तहत अन्वेषकों एवं उद्यमियों के लिये इन्क्यूबेटर्स (Incubators), सीड फंड (Seed Fund), एक्सेलेरेटर्स (Accelerators) और ‘प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट’ (Proof of concept) अनुदान की स्थापना के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं।

✨निधि के तहत प्रयास कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसमें स्थापित प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (Technology Business Incubators- TBI) को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (Proof of Concept- PoC) और विकासशील प्रोटोटाइप के लिये अनुदान के साथ नवोन्मेषकों एवं उद्यमियों का समर्थन करने हेतु प्रयास अनुदान के साथ समर्थन किया जाता है।

✨प्रयास केंद्र की स्थापना के लिये एक प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (TBI) को अधिकतम 220 लाख रुपए प्रदान किये जाते हैं, जिसमें प्रयास शाला (PRAYAS SHALA) के लिये 100 लाख रुपए तथा प्रयास (PRAYAS) केंद्र की परिचालन लागत के लिये 20 लाख रुपए और प्रोटोटाइप विकसित करने के लिये एक इनोवेटर को 10 लाख रुपए दिये जाते हैं। एक वर्ष में TBI को दस इनोवेटर्स के लिये फंड दिया जाता है।


उद्देश्य:


✨एक नवोन्मेषी विचार को एक प्रोटोटाइप में रूपांतरित करने में सक्षम बनाना।

किसी स्टार्टअप को विचार से बाज़ार चरण तक उसके प्रत्येक चरण में समर्थन करना।

✨स्थानीय और वैश्विक समस्याओं के लिये प्रासंगिक नवोन्मेषी समाधान सुनिश्चित करना।

✨बड़ी संख्या में ऐसे युवाओं को आकर्षित करना जो समस्या समाधान में उत्साह और क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं।

उनकी नई तकनीक/ज्ञान/नवाचार आधारित स्टार्टअप पर काम करना।

इन्क्यूबेटरों के लिये नवोन्मेषी स्टार्टअप्स की गुणवत्ता और मात्रा के संदर्भ में प्रक्रियाओं में वृद्धि करना।


🍄स्रोत: पीआईबी🍄

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