💁‍♂️👉भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति (Monetary Policy of Reserve Bank of India)📚

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💁‍♂️👉भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति (Monetary Policy of Reserve Bank of India)📚

*चर्चा में क्यों?*

✨हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee-MPC) ने मौद्रिक नीति (Monetary Policy) जारी की है।
 

*प्रमुख बिन्दु*

✨भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
✨भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए आरबीआई एकोमोडेटिव स्टांस को बरकरार रखेगा।
✨इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2021-22) में इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 9.5% कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए 10.5% ग्रोथ का अनुमान लगाया था।
✨वहीं भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर 5.1% रहने का अनुमान लगाया है।
*वर्तमान में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौजूदा दरें निम्नलिखित हैं-*
रेपो रेट - 4.00%
रिवर्स रेपो रेट - 3.35%
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट - 4.25%
बैंक रेट - 4.25%
मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC)

✨मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत स्थापित किया गया था। इस प्रकार यह एक सांविधानिक निकाय है।
भारतीय रिजर्व बैंक(Reserve Bank of India- RBI) का गवर्नर इस समिति का पदेन अध्यक्ष होता है।
✨मौद्रिक नीति समिति (MPC) में निर्णय बहुमत के आधार पर लिये जाते हैं और समान मतों की स्थिति में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का गवर्नर अपना निर्णायक मत देता है।
✨मौद्रिक नीति समिति एक छह सदस्यीय समिति होती है। इस समिति का गठन उर्जित पटेल कमिटी की सिफारिश के आधार किया गया था।
✨इसमें तीन सदस्य आरबीआई से होते हैं और तीन अन्य स्वतंत्र सदस्य भारत सरकार द्वारा चुने जाते हैं।
आरबीआई के तीन अधिकारीयों में एक गवर्नर,एक डिप्टी गवर्नर तथा एक अन्य अधिकारी शामिल होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति हर दूसरे महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा करती है।
✨इस समीक्षा में अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए नीतिगत ब्याज दरें घटाने या बढ़ाने का फैसला लिया जाता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो मौद्रिक नीति एक ऐसी प्रक्रिया है,जिसकी मदद से रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति को नियंत्रित करती है।
✨वहीं राजकोषीय नीति के ज़रिए सरकार द्वारा समग्र मांग और अर्थव्यवस्था पर सरकारी खर्च और करों के असर को नियंत्रित किया जाता है।

*क्या मक़सद होता है मौद्रिक नीति समीक्षा का?*

✨मौद्रिक नीति से कई मकसद साधे जाते हैं। इनमें महंगाई पर अंकुश,कीमतों में स्थिरता और टिकाऊ आर्थिक विकास दर का लक्ष्य हासिल करना शामिल है।
इसके अलावा, रोजगार के अवसर तैयार करना भी इसके लक्ष्यों में से एक है।

*भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)*

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) देश का केन्द्रीय बैंक है।
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1934 के तहत 5 करोड़ रूपए की शुरूआती धनराशि के साथ की गई थीl
✨बाद में, कुछ सीमित लोगों के हाथों में शेयरों के केन्द्रीयकरण को रोकने के लिए 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।

*भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्य*

✨भारतीय रिज़र्व बैंक के कई प्रमुख कार्य हैं जैसे कि मौद्रिक नीति तैयार करना, उसको लागू करना और उसकी निगरानी करना;वित्तीय प्रणाली का रेगुलेशन और निगरानी करना;विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना; मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना इत्यादि।
✨इसके अलावा, आरबीआई साख नियन्त्रित करने और मुद्रा के लेन-देन को नियंत्रित करने का कार्य तथा सरकार के बैंकर और बैंकों के बैंकर के रूप में भी काम करती है।
✨भारतीय रिजर्व बैंक देश में प्रभावी रूप से ऋण को नियंत्रित करने और विनियमन करने के लिए मात्रात्मक और गुणात्मक तकनीकों का व्यापक उपयोग करती है।
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